आजकल सोशल मीडिया पर एक तस्वीर खूब वायरल हो रही है. यह तस्वीर कैलाश पर्वत की है जिसपर भगवान् शिव की परछाई नज़र आ रही है. फेसबुक, ट्विटर या फिर व्हाट्सऐप हर जगह इस तस्वीर को जोरों से शेयर किया जा रहा है. आइये जानते हैं की आखिर इस तस्वीर के पीछे की सच्चाई है क्या.
खूब हो रही है शेयर
सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है पर्वत पर भगवान शिव की परछाई वाली इस तस्वीर के बारे में बताया गया है कि इनको गूगल अर्थ से लिया गया है. इन तस्वीरों को यूट्यूब पर अब तक करीब 11 हजार से ज्यादा बार शेयर किया जा चुका है. इसके अलावा फेसबुक पर इसको अब तक 2 हजार से भी ज्यादा लोग शेयर और लाइक भी कर चुके हैं. बता दें की इससे पहले 2015 में भी एक यूजर ने भगवान शिव की परछाई की कुछ तस्वीरों को अपलोड किया था.
ऐसी दिखती है
काफी ऊंचाई से देखने पर कैलाश पर्वत पर भगवान शिव की परछाई देखी गई है. हर एक तस्वीर में परछाई को अलग-अलग एंगल से दिखाया गया है. सभी तस्वीरों में भगवान शिव के चेहरे की आकृति बनी नजर आ रही है. इसके पीछे मान्यताओं की बात करें तो तिब्बतियों की ऐसी मान्यता है कि वहां एक संत कवि हुआ करते थे. उन्होंने गुफा में रहकर सालों तपस्या की थी.
यह है मान्यता
ऐसे में तिब्बती बोनपाओं की मानें तो कैलाश पर बना नौमंजिला स्वास्तिक डेमचौक और दोरजे फांगमो का निवास माना जाता है. वहीं बौद्ध लोग इसको भगवान बुद्ध और मणिपद्मा का निवास स्थान मानते हैं. बौद्ध धर्म को मानने वालों का विश्वास है कि इस जगह पर आकर उनको निर्वाण की प्राप्ति होती है.
भगवान शिव का मानते हैं निवास
वहीं हिंदू धर्म के लोग कैलाश पर्वत को मेरू पर्वत कहते हैं. ये लोग इस पर्वत को ब्रह्मांड की धूरी मानते हैं. इसी के साथ हिंदू धर्म में बेहद गहरी मान्यता ये भी है कि हिंदू कैलाश पर्वत पर उनके ईश्वर भगवान शिव का निवास स्थान है. यहां पर देवी सती के शरीर का दांया हाथ गिरा था. ऐसी मान्यता के तहत एक शिला के रूप में यहां देवी का पूजन होता है. यहीं पर शक्तिपीठ भी है
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